Yoga Asanas for Cervical Pain: लैपटॉप या कंप्यूटर पर घंटों एक ही पोजीशन में बैठकर काम करने का चलन आम हो गया है, जिसके चलते आजकल ज़्यादातर लोगों को गर्दन यानि सर्वाइकल (Cervical Pain) की समस्या हो रही है। यह दर्द गर्दन के पिछले हिस्से से शुरू होकर कंधों और हाथों तक फैल सकता है। कई बार यह दर्द इतना बढ़ जाता है कि व्यक्ति को गर्दन हिलाने में भी तकलीफ होती है।
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अक्सर लोग इससे राहत पाने के लिए पेन किलर का सहारा लेते हैं, लेकिन इनका ज्यादा सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में आप इस समस्या से निजात पाने के लिए योग का रास्ता अपना सकते हैं। जी हाँ, कुछ योगासन सर्वाइकल दर्द (Cervical Pain) से राहत दिलाने में काफी कारगर साबित हो सकते हैं। आइए आज के इस लेख में जानें ऐसे ही कुछ आसान और फायदेमंद योगासन:
भुजंगासन (कोबरा पोज़): Yoga Asanas for Cervical Pain
- पेट के बल लेट जाएं: सबसे पहले, ज़मीन पर एक चटाई बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। अपने पैरों को सीधा रखें और पैर की उंगलियों को ज़मीन की ओर दबाएं।
- हाथों को छाती के पास रखें: अपने दोनों हाथों को अपनी छाती के पास रखें। हथेलियों को ज़मीन की ओर रखें और कोहनियों को थोड़ा मोड़ें।
- सांस भरते हुए ऊपर उठाएं: सांस भरते हुए धीरे-धीरे हथेलियों की मदद से ऊपरी शरीर को ऊपर उठाएं। अपनी कोहनियों को सीधा रखें और अपनी छाती को ज़मीन से ऊपर उठाएं। (Cervical Pain)
- गर्दन को पीछे ले जाएं: अपनी क्षमतानुसार गर्दन को पीछे ले जाएं और ऊपर देखें। ध्यान रखें कि आपकी गर्दन में बहुत ज्यादा खिंचाव न हो।
- कुछ देर इस मुद्रा में रहें: कुछ देर इस मुद्रा में रहें। अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें और धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।
- सांस छोड़ते हुए वापस नीचे आएं: सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपने ऊपरी शरीर को वापस नीचे लाएं। अपनी छाती को ज़मीन पर लेटाएं और फिर अपने हाथों को ज़मीन पर लेटाएं।
लाभ:
- भुजंगासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में मदद करता है।
- यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और पेट की चर्बी कम करने में भी मदद करता है।
- यह छाती और कंधों को खोलता है और सांस लेने में सुधार करता है।
- यह थकान और तनाव को कम करने में भी मदद करता है।
मार्जरी आसन और कैट पोज़:
- चारों तरफ हाथ और पैरों के बल आ जाएं: सबसे पहले, ज़मीन पर एक चटाई बिछाकर चारों तरफ हाथ और पैरों के बल आ जाएं। अपने घुटनों को कूल्हों के नीचे और अपने हाथों को कंधों के नीचे रखें।
- सांस छोड़ते हुए सिर को छाती की ओर ले जाएं: सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपनी पीठ को ऊपर की ओर उठाएं और अपनी गर्दन को अपनी छाती की ओर ले जाएं। अपनी कमर को सीधा रखें और अपनी नाभि को अपनी रीढ़ की हड्डी की ओर खींचें।
- कमर को ऊपर की ओर रखें: अपनी कमर को ऊपर की ओर रखें और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। अपनी पेट की मांसपेशियों को अंदर की ओर खींचें और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।
- सांस भरते हुए शरीर को उठाएं: सांस भरते हुए धीरे-धीरे अपने शरीर को ऊपर उठाएं और अपनी पीठ को नीचे की ओर झुकाएं। अपनी गर्दन को पीछे की ओर हटाएं और ऊपर देखें। (Cervical Pain)
- कुछ देर इस मुद्रा में रहें: कुछ देर इस मुद्रा में रहें। अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें और धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।
- सांस छोड़ते हुए वापस कैट पोज़ में आ जाएं: सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपनी पीठ को ऊपर की ओर उठाएं और अपनी गर्दन को अपनी छाती की ओर ले जाएं।
लाभ:
- मार्जरी आसन और कैट पोज़ रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में मदद करते हैं।
- यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और पेट की चर्बी कम करने में भी मदद करता है।
- यह छाती और कंधों को खोलता है और सांस लेने में सुधार करता है।
- यह थकान और तनाव को कम करने में भी मदद करता है।
चक्रासन (व्हील पोज़):
- पीठ के बल लेट जाएं: सबसे पहले, ज़मीन पर एक चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। अपने पैरों को सीधा रखें और पैर की उंगलियों को ज़मीन की ओर दबाएं।
- घुटनों को मोड़ लें: अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को ज़मीन पर सटाएं। अपने पैरों को कूल्हों की चौड़ाई से अलग रखें। (Cervical Pain)
- कूल्हों को ऊपर उठाएं: सांस भरते हुए धीरे-धीरे अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं। अपनी छाती को ज़मीन से थोड़ा ऊपर उठाएं।
- हाथों को जमीन पर सहारा दें: अपने हाथों को ज़मीन पर सहारा दें। अपने हाथों को कंधों की चौड़ाई से अलग रखें। अपनी हथेलियों को ज़मीन की ओर रखें और अपनी कोहनियों को सीधा रखें।
- कुछ देर इस मुद्रा में रहें: कुछ देर इस मुद्रा में रहें। अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें और धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।
- धीरे-धीरे वापस नीचे आ जाएं: सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपने कूल्हों को नीचे लाएं और अपनी छाती को ज़मीन पर लेटाएं।
लाभ:
- चक्रासन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में मदद करता है।
- यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और पेट की चर्बी कम करने में भी मदद करता है।
- यह छाती और कंधों को खोलता है और सांस लेने में सुधार करता है।
- यह थकान और तनाव को कम करने में भी मदद करता है। (Cervical Pain)
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ताड़ासन (पर्वत आसन):
- सीधे खड़े हो जाएं: सबसे पहले, ज़मीन पर एक चटाई बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं। अपने पैरों को कंधों के बराबर दूरी पर रखें। अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और अपनी छाती को ऊंचा रखें।
- हाथों को शरीर के दोनों ओर रखें: अपने हाथों को शरीर के दोनों ओर रखें। अपनी हथेलियों को ज़मीन की ओर रखें और अपनी कोहनियों को सीधा रखें। (Cervical Pain)
- सांस भरते हुए हाथों को ऊपर उठाएं: सांस भरते हुए धीरे-धीरे अपने हाथों को ऊपर उठाएं। अपनी हथेलियों को मिला लें और अपनी उंगलियों को ऊपर की ओर इशारा करते हुए रखें।
- कुछ देर इस मुद्रा में रहें: कुछ देर इस मुद्रा में रहें। अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें और धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।
- सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे ले जाएं: सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपने हाथों को नीचे ले जाएं।
लाभ:
- ताड़ासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में मदद करता है।
- यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और पेट की चर्बी कम करने में भी मदद करता है।
- यह छाती और कंधों को खोलता (Cervical Pain) है और सांस लेने में सुधार करता है।
- यह थकान और तनाव को कम करने में भी मदद करता है।