ज्योतिष शास्त्र जीवन के विभिन्न पहलुओं के लिए खास नियम-कायदे बताता है, जिनमें दिन के अलग-अलग समय से जुड़े नियम भी शामिल हैं। इन्हीं में से एक नियम रात में मीठा खाने के बाद घर से बाहर न निकलने का है। आइए, इस परंपरा के पीछे के कारणों को ज्योतिष और स्वास्थ्य दोनों नजरिए से समझते हैं।
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ज्योतिष का नजरिया – नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रात के समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव ज्यादा होता है। माना जाता है कि मीठा पदार्थ इन नकारात्मक ऊर्जाओं को अपनी ओर खींचता है। अगर आप रात में मीठा खाकर बाहर निकलते हैं, तो आप इन नकारात्मक ऊर्जाओं से घिर सकते हैं। इससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है और आसपास की नकारात्मक शक्तियां भी आपको प्रभावित कर सकती हैं।
ज्योतिष का नजरिया – मंगल ग्रह का प्रभाव:
ज्योतिष में मीठे का संबंध मंगल ग्रह से माना जाता है। मंगल ग्रह को शुभता, वैवाहिक सुख, पारिवारिक सौहार्द और कार्यों में सफलता का कारक माना जाता है। रात में मीठा खाकर बाहर जाने से माना जाता है कि मंगल ग्रह की स्थिति आपकी कुंडली में कमजोर हो जाती है। इससे “मंगल दोष” नाम की ज्योतिषीय परेशानी भी लग सकती है, जो शादी और करियर में बाधाएं पैदा कर सकती है।
स्वास्थ्य का नजरिया:
ज्योतिष के अलावा, स्वास्थ्य के लिहाज से भी रात में मीठा खाने से बचना चाहिए। रात में मीठा खाने से दांतों में कैविटी होने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर अगर सोने से पहले ठीक से ब्रश न किया जाए। इसके अलावा, रात के समय शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, इसलिए सोने से पहले मीठा खाने से नींद प्रभावित हो सकती है और वजन भी बढ़ सकता है।
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निष्कर्ष:
भले ही आप ज्योतिष शास्त्र को मानते हों या न मानते हों, रात में मीठा खाकर बाहर न निकलने की परंपरा के पीछे ज्योतिषीय और स्वास्थ्य संबंधी दोनों कारण हैं। ज्योतिषीय नजरिए से देखें तो इससे नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सकता है और मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत रहती है। वहीं, स्वास्थ्य के लिहाज से इससे दांतों को नुकसान और वजन बढ़ने का खतरा कम हो जाता है।